Tuesday, November 26, 2024

प्रभु यीशु मसीह की आशीष पाने के लिए याद रखें ,यह पांच बातें हैं:


प्रभु यीशु मसीह की आशीष पाने के लिए याद रखें ,ये पांच बातें  हैं:

1. प्रार्थना

नियमित रूप से प्रभु से बात करें। अपनी चिंताओं, धन्यवाद और अनुरोधों को व्यक्त करें।


2. बाइबल पढ़ना: 



बाइबल में परमेश्वर का वचन है। इसे नियमित रूप से पढ़ें और उस पर मनन करें।


3. दूसरों की सेवा: 

दूसरों की मदद करने से आप प्रभु के प्रेम को प्रकट करते हैं।


4. कलीसिया में भाग लेना: 

अन्य विश्वासियों के साथ मिलकर प्रभु की उपासना करें।


5. पवित्र आत्मा से भरना:

पवित्र आत्मा आपको शक्ति और मार्गदर्शन देगा।


ये कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं, लेकिन इनके अलावा भी कई अन्य तरीके हैं जिनसे आप प्रभु की आशीष पा सकते हैं।
अधिक जानकारी के लिए आप किसी चर्च या मसीही भाई  से संपर्क कर सकते हैं।

प्रभु यीशु आपको आशीर्वाद दें! आमेन!


क्यों है वेलांकन्नी प्रसिद्ध?


वेलांकन्नी तमिलनाडु में एक बहुत ही पवित्र और प्रसिद्ध तीर्थस्थल है, जो मदर मैरी (माता मरियम) को समर्पित है। यहां माता मरियम के कई चमत्कारिक दर्शन होने की वजह से यह स्थान हम धार्मिक लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।


क्यों है वेलांकन्नी प्रसिद्ध:


माता मरियम के दर्शन. 

16वीं और 17वीं शताब्दी में माता मरियम ने यहां तीन बार दर्शन दिए थे, जिससे यह स्थान आस्था का केंद्र बन गया।

चमत्कार.


इन दर्शनों के साथ कई चमत्कार जुड़े हुए हैं, जैसे कि बीमारों का स्वस्थ होना, अपंगो  का चलना और अन्य अद्भुत घटनाएं।


 तीर्थयात्री.

हर साल लाखों तीर्थयात्री यहां माता मरियम के दर्शन करने आते हैं।

माता मरियम की आशीष कृपया आपके परिवार पर बनी रहे. आमेन!


 इन दर्शनों के साथ कई चमत्कार जुड़े हुए हैं, जैसे कि बीमारों का स्वस्थ होना, अपंगो का चलना और अन्य अद्भुत घटनाएं।

माता मरियम की आशीष और कृपा आपके परिवार पर बनी बनी रहे. आमेन !


Here are five things to remember to receive the blessing of the Lord Jesus Christ:

1. Prayer:

Talk to the Lord regularly. Express your concerns, thanks, and requests.

2. Bible reading:

The Bible contains God's Word. Read it regularly and meditate on it.

3. Serving others:

By helping others, you show the Lord's love.

4. Attending church:

Worship the Lord with other believers.

5. Being filled with the Holy Spirit:

The Holy Spirit will give you strength and guidance.

These are some important things, but there are many other ways to receive the Lord's blessing.

For more information, you can contact a church or Christian brother.

May the Lord Jesus bless you! Amen!


Monday, November 18, 2024

पवित्र रोजरी माला विनती !


क्रुस का चिन्ह- 
  पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम पर . आमेन.

प्रेरितों का धर्मसार

मैं स्वर्ग और पृथ्वी के सृष्टि करता.सर्वशक्तिमान पिता ईश्वर,और उसके  एक़लौते पुत्र अपने प्रभु यीशु क्राइस्ट में विश्वास करता (करती )हूं.पवित्र आत्मा के द्वारा गर्भ में आया,कुंवारी मरियम से जन्मा, पोंतुस पिलातुस के समय दुख भोगा,. क्रुस पर चढ़ाया गया,मर गया और दफनाया गया. वह अधोलाेक में उतरा, और तीसरे दिन मृतकों में से फिर से जी उठा;  वह स्वर्ग में आरोहित हुआ सर्वशक्तिमान पिता ईश्वर के दाहिने और विराजमान है; वहां से वह जीवितों और मृतकों का न्याय करने आएगा.मैं पवित्र आत्मा, पवित्र कैथोलिक कलीसिया, धर्मियों की सहभागिता, पापों की क्षमा , देह के  पुनरुत्थान और अनंत जीवन में विश्वास करता (करती) हूं. आमेन .


प्रभु की विनती

हे पिता हमारे तू जो स्वर्ग में है, तेरा नाम पवित्रा किया जाए, तेरा राज्य आए, तेरी इच्छा जैसे स्वर्ग में है वैसी पृथ्वी पर भी पूरी हो. हमारे प्रतिदिन का आहार आज हमें दे और हमारे अपराध हमें क्षमा कर जैसे हम भी अपने अपराधियों को क्षमा करते हैं और हमें परीक्षा में न डाल परंतु बुराई से बचा. आमेन


      प्रणाम मारिया

प्रणाम मारिया,कृपा पूर्ण प्रभु तेरे साथ है, धन्य तू स्त्रियों में और धन्य तेरे गर्भ का फल येशु. हे संत मारिया परमेश्वर की मां,प्रार्थना कर हम साथियों के लिए अब और हमारे मरने के समय . आमेन.( तीन बार प्रणाम मारिया)


                आनंद के पांच भेद ( सोमवार और शनिवार को)


पहला भेद :- गेब्रियल दूत मरियम को संदेश देते हैं---

हे मां मरियम,  जिस तरह आप ईश - वचन को निभाने के लिए तैयार हो गई, इस तरह हमें भी अपने सभी कार्यों में ईश वचन को निभाने में मदद कीजिए. 

(है पिता हमारे---------
प्रणाम मरिया 10 बार  ,

हे मेरे येशु हमारे पापों को क्षमा कर, नरक की अग्नि से हमें बचा, सारी आत्माओं को स्वर्ग में ले जा विशेष कर जिन्हें तेरी दया की अधिक आवश्यकता है)


दूसरा भेद :- मरियम एलिजाबेथ से भेंट करती है-----

हे माता मरियम! दूसरों की सहायता एवं उनकी सेवा करने के अवसरों का सही रूप से उपयोग करने के लिए हमें आशीष एवं अनुग्रह दीजिए.

(है पिता हमारे---------
प्रणाम मरिया 10 बार  , 

हे मेरे येशु हमारे पापों को क्षमा कर, नरक की अग्नि से हमें बचा, सारी आत्माओं को स्वर्ग में ले जा विशेष कर जिन्हें तेरी दया की अधिक आवश्यकता है)


तीसरा भेद:- हमारे प्रभु यीशु जन्म लेते हैं------

हे मां ! जीवन की मुसीबत एवं दुख संकटों को ईश्वरी इच्छा मानकर उन्हें स्वीकार करने का अनुग्रह प्रदान कीजिए.(है पिता हमारे---------
प्रणाम मरिया 10 बार  ,
 हे मेरे येशु हमारे पापों को क्षमा कर, नरक की अग्नि से हमें बचा, सारी आत्माओं को स्वर्ग में ले जा विशेष कर जिन्हें तेरी दया की अधिक आवश्यकता है)


चौथा भेद:- बालक यीशु मंदिर में चढ़ाए जाते हैं------


हे मां मरियम ! हमारा सब कुछ ईश्वरका दिया हुआ वरदान और आशीष समझकर, उन्हें ईश्वर को समर्पित करके जीवन बिताने के लिए हमारी सहायता कीजिए.
 (है पिता हमारे---------
प्रणाम मरिया 10 बार  ,
 हे मेरे येशु हमारे पापों को क्षमा कर, नरक की अग्नि से हमें बचा, सारी आत्माओं को स्वर्ग में ले जा विशेष कर जिन्हें तेरी दया की अधिक आवश्यकता है)

पांचवा भेद :- बालक यीशु मंदिर में पाए जाते हैं-------


हे मां ! प्रभु यीशु से हमें दूर करने वाली सभी माध्यमों एवं विचारों का त्याग करने तथा यीशु के समीप आने के सभी मार्गों को अपनाने के लिए हमें आशीष प्रदान कीजिए.(है पिता हमारे---------
प्रणाम मरिया 10 बार  , हे मेरे येशु हमारे पापों को क्षमा कर, नरक की अग्नि से हमें बचा, सारी आत्माओं को स्वर्ग में ले जा विशेष कर जिन्हें तेरी दया की अधिक आवश्यकता है)


                ज्योति के पांच भेद( गुरुवार को )


पहले भेद:- यर्दन नदी में यीशु बपतिस्मा ग्रहण करते हैं-----

हे माता मरियम हमें भी पिता ईश्वर की इच्छा पूरी करने वाले 
पुत्र-पुत्रियां बना दे.(है पिता हमारे---------
प्रणाम मरिया 10 बार  , हे मेरे येशु हमारे पापों को क्षमा कर, नरक की अग्नि से हमें बचा, सारी आत्माओं को स्वर्ग में ले जा विशेष कर जिन्हें तेरी दया की अधिक आवश्यकता है)


दूसरा भेद:- कान्हा के विवाह भोज में यीशु अपने आप को व्हाट्सएप करते हैं-------


हे मां! हमें ऐसा वर दे कि हम सदा तेरे पुत्र की इच्छा अनुसार जीवन बिता सके.(है पिता हमारे---------
प्रणाम मरिया 10 बार  , 

हे मेरे येशु हमारे पापों को क्षमा कर, नरक की अग्नि से हमें बचा, सारी आत्माओं को स्वर्ग में ले जा विशेष कर जिन्हें तेरी दया की अधिक आवश्यकता है)


तीसरा भेद:- मन परिवर्तन के आह्वान के साथ यीशु ईश्वर के राज्य की घोषणा करते हैं-------

हे मां !  पश्चाताप के द्वारा हम पापों से मुक्ति पाकर अपने भले कर्मों से तेरे पुत्र की साक्षी बने! (है पिता हमारे---------
प्रणाम मरिया 10 बार  ,
 हे मेरे येशु हमारे पापों को क्षमा कर, नरक की अग्नि से हमें बचा, सारी आत्माओं को स्वर्ग में ले जा विशेष कर जिन्हें तेरी दया की अधिक आवश्यकता है)


चौथा भेद:- रूपांतरण हो जाता है---- हे मां हमें ऐसी कृपा दे कि हम पवित्र आत्मा की प्रेरणा में बढ़ते जाएं और सदैव ईश्वर की महिमा और स्तुति के लिए काम करते रहे.

(है पिता हमारे---------

प्रणाम मरिया 10 बार  , 
हे मेरे येशु हमारे पापों को क्षमा कर, नरक की अग्नि से हमें बचा, सारी आत्माओं को स्वर्ग में ले जा विशेष कर जिन्हें तेरी दया की अधिक आवश्यकता है)


पांचवा भेद:- पास्का रहस्य की संस्कारिक अभिव्यक्ति के रूप मे युखरिस्त की स्थापना करते हैं.-----

हे मां मरियम, पवित्र बलिदान से प्रभावित होकर, हमें स्वयं को दूसरों की सेवा में समर्पित करने की कृपा दें.(है पिता हमारे---------
प्रणाम मरिया 10 बार  , 
हे मेरे येशु हमारे पापों को क्षमा कर, नरक की अग्नि से हमें बचा, सारी आत्माओं को स्वर्ग में ले जा विशेष कर जिन्हें तेरी दया की अधिक आवश्यकता है)


               दु:ख के पांच भेद( मंगलवार , शुक्रवार )


पहला भेद:- बारी में यीशु के प्राण पीड़ा----- है व्याकुल माता मरियम, मनुष्य के पापों को याद करके दु:खी दिल से प्रायश्चित करने की शक्ति हमें प्रदान कीजिए.

(है पिता हमारे---------

प्रणाम मरिया 10 बार  , 
हे मेरे येशु हमारे पापों को क्षमा कर, नरक की अग्नि से हमें बचा, सारी आत्माओं को स्वर्ग में ले जा विशेष कर जिन्हें तेरी दया की अधिक आवश्यकता है)


दूसरा भेद:- यीशु कोड़े से मारे जाते हैं. ----- 

                 हे मां मरियम, हमें अनैतिक एवं अधार्मिक मार्गो से प्राप्त सुख सुविधाओं से बचाए रखिए.(है पिता हमारे---------
प्रणाम मरिया 10 बार  , 
हे मेरे येशु हमारे पापों को क्षमा कर, नरक की अग्नि से हमें बचा, सारी आत्माओं को स्वर्ग में ले जा विशेष कर जिन्हें तेरी दया की अधिक आवश्यकता है)



तीसरा भेद:-- यीशु को कांटो का मुकुट पहनाया जाता है---

                   हे मां मरियम ! यीशु की इच्छा के विरुद्ध किसी भी काम और विचार को हमारे मन मस्तिक में प्रवेश करने से बचाई रखिए.(है पिता हमारे---------
प्रणाम मरिया 10 बार  , 
हे मेरे येशु हमारे पापों को क्षमा कर, नरक की अग्नि से हमें बचा, सारी आत्माओं को स्वर्ग में ले जा विशेष कर जिन्हें तेरी दया की अधिक आवश्यकता है)



चौथा भेद:---- यीशु अपना क्रुस ढोते हैं.------- 

                    हे मां , अपमान और दुख संकट को धीरज के साथ सहने में हमारी मदद कीजिए.(है पिता हमारे---------
प्रणाम मरिया 10 बार  ,
 हे मेरे येशु हमारे पापों को क्षमा कर, नरक की अग्नि से हमें बचा, सारी आत्माओं को स्वर्ग में ले जा विशेष कर जिन्हें तेरी दया की अधिक आवश्यकता है)


पांचवा भेद:--- येस क्रूस पर ठोकर जाते और मर जाते हैं.

                     हे मां मरियम, हमें हमारे सभी बुरे विचारों को त्याग कर, विनम्रता समिता और सहनशीलता का जीवन बिताने में सहायता कीजिए.(है पिता हमारे---------
प्रणाम मरिया 10 बार  , 
हे मेरे येशु हमारे पापों को क्षमा कर, नरक की अग्नि से हमें बचा, सारी आत्माओं को स्वर्ग में ले जा विशेष कर जिन्हें तेरी दया की अधिक आवश्यकता है)





             महिमा के पांच भेद:- ( बुधवार, रविवार )


पहले भेद:---- यीशु मृतकों में से उठाते हैं----

                    हे मां मरियम, पुनर्वस्थान के लिए हमें अपने शरीर को पवित्र रखने में हमारी मदद कीजिए.(है पिता हमारे---------
प्रणाम मरिया 10 बार  , 
हे मेरे येशु हमारे पापों को क्षमा कर, नरक की अग्नि से हमें बचा, सारी आत्माओं को स्वर्ग में ले जा विशेष कर जिन्हें तेरी दया की अधिक आवश्यकता है)


दूसरा भेद:--- यीशु स्वर्ग चढ़ते हैं.

                   हे मां , हमारे हृदय में स्वर्ग के प्रति जिज्ञासा, प्रेम तथा इच्छा भर दे.(है पिता हमारे---------
प्रणाम मरिया 10 बार  ,
 हे मेरे येशु हमारे पापों को क्षमा कर, नरक की अग्नि से हमें बचा, सारी आत्माओं को स्वर्ग में ले जा विशेष कर जिन्हें तेरी दया की अधिक आवश्यकता है)


तीसरा भेद:---- पवित्र आत्मा प्रेरितों पर उतरते हैं.

                     हे मां मरियम, पवित्र आत्मा के सानिध्य के द्वारा हमारे जीवन को सही मार्ग पर ले चलने में सहायता कीजिए.
(है पिता हमारे---------
प्रणाम मरिया 10 बार  , 
हे मेरे येशु हमारे पापों को क्षमा कर, नरक की अग्नि से हमें बचा, सारी आत्माओं को स्वर्ग में ले जा विशेष कर जिन्हें तेरी दया की अधिक आवश्यकता है)


चौथा भेद:---- मरियम स्वर्ग में उठा ली जाती है.

                    हे मां मरियम, हमारे मरने के समय हमें स्वर्ग  लोग ले जाने के लिए हमारे समीप हमेशा रहिए.
(है पिता हमारे---------
प्रणाम मरिया 10 बार  , 
हे मेरे येशु हमारे पापों को क्षमा कर, नरक की अग्नि से हमें बचा, सारी आत्माओं को स्वर्ग में ले जा विशेष कर जिन्हें तेरी दया की अधिक आवश्यकता है)


पांचवा भेद:---  मरियम स्वर्ग में रानी का मुकुट पाती है.

                     हे मां मरियम, स्वर्गीय भाग्य को देखते हुए इस लोक के दुख एवं संकटों को खुशी के साथ स्वीकार करने के लिए हमें शक्ति प्रदान कीजिए.
(है पिता हमारे---------
प्रणाम मरिया 10 बार  , 
हे मेरे येशु हमारे पापों को क्षमा कर, नरक की अग्नि से हमें बचा, सारी आत्माओं को स्वर्ग में ले जा विशेष कर जिन्हें तेरी दया की अधिक आवश्यकता है)



                            प्रणाम रानी

प्रणाम रानी! दया की मां, हमारा जीवन, हमारे मधुरता और आशा तुझे प्रणाम. हम हवा की निर्वासित संतान तुझे पुकारते हैं.हम इस दुख पूर्ण संसार में रोते और विलाप करते हुए तेरे नाम लेते हैं. है हमारी माता ! कृपया हम पर दया दृष्टि का और हमारे इस निर्वासन के बाद अपने गर्भ का पवित्र फल यीशु हमें दिखा.
हे दयालु है ! प्रेममय ! हैयती मधुर कुंवारी मारिया!
हे परमेश्वर के पवित्र मां, हमारे लिए प्रार्थना कर.
क्राइस्ट के प्रतिज्ञाओं के योग्य बन जाए.


          कुंवारी मरियम की स्तुति विनती

हे प्रभु हम पर दया कर.                                               हे प्रभु हम पर दया कर.
एक क्राइस्ट हम पर दया कर.                                      हे क्राइस्ट हम पर दया कर.
हे प्रभु हम पर दया कर.                                               हे प्रभु हम पर दया कर.
हे क्राइस्ट हमारी विनती सुन.                                       हे क्राइस्ट हमारी विनती पूरी कर.
स्वर्गवासी पिता परमेश्वर.                                              हम पर दया कर.

पुत्र ईश्वर दुनिया के मुक्तिदाता.                                        हम पर दया कर.

पवित्र आत्मा ईश्वर.                                              हम पर दया का.

पवित्र त्रित्व एक ही परमेश्वर.                                            हम पर दया कर.
संत मारिया.                                                                   हमारे लिए प्रार्थना कर.
परमेश्वर के पवित्र मन.                                                    हमारे लिए प्रार्थना कर
कुंवारी की पवित्र कुंवारी.                                                 हमारे लिए प्रार्थना कर.
क्राइस्ट की माता.                                                           हमारे लिए प्रार्थना कर.
ईश्वरी कृपा की माता                                                       ------.     -----    -------
अति निर्मला माता                                                           --------    ----   --------
अति शुद्ध माता.                                                             ..........   ........    .........
अछूति माता.                                                                  ...................................
निष्कलंक माता                                                              ...........   ...................
दुलार योग्य माता.                                                           ................................
प्रशंसनीय माता.                                                              हमारे लिए प्रार्थना कर.
सुसंपति माता.                                                                .....................................
सृज़न हर की माता.                                                         ..................................
बचाने हरे की माता.                                                         ................................
अति चौकस कुंवारी.                                                        ...............................
आदर  योग्य कुंवारी.                                                          ...............................
स्तुति योग्य कुंवारी.                                                          ...............................
शक्तिमान कुंवारी.                                                            हमारे लिए प्रार्थना कर.
दयालु कुमारी.                                                                  ..............................
ईमानदार कुमारी.                                                            ...............................
न्याय के दर्पण.                                                                  .................................
प्रज्ञा के सिंहासन.                                                           ....................................
हमारे आनंद की जड़.                                                      ...................................
आदर के पात्र .                                                                ,.................................
भक्ति के उत्तम पात्र.                                                          हमारे लिए प्रार्थना कर.
आत्मिक गुलाब.
दाऊद के  गढ़.
हाथी दांत के गढ़.                                                              हमारे लिए प्रार्थना कर.

सोने के घर.
नियम के अरका.
स्वर्ग के द्वार.
भर के तारे.                                                                        हमारे लिए प्रार्थना कर. 

रोगियों के स्वास्थ्य.
पपिया की शरण.                                                                हमारे लिए प्रार्थना कर.
दुखियों की दिलासा.
क्रिस्तानो की सहायता.
भूतों की रानी.
धर्मपुरखों को की रानी.
आगम कहने वालों की रानी.                                            हमारे लिए प्रार्थना कर.

प्रेरितों की रानी.
लहू गवाहों की रानी.
धर्म धर्म गवाहों की रानी.
कुंवारीयों की रानी.
रानी जो आदि पाप रहित गर्भ में पड़ी.                                   हमारे लिए प्रार्थना कर.        
स्वर्ग में उदग्रहित रानी.
अति पवित्र माला की रानी.
शांति की रानी.
परिवारों की रानी.
कार्मल की रानी.                                                                     हमारे लिए प्रार्थना कर.


          

                                           हे ईश्वर की मेमने, तु संसार के पाप हर लेता है.

                                                       हे प्रभु हमें क्षमा कर.

                                         हे परमेश्वर की मेमने, तू संसार के पाप हर लेता है.

                                                        हे प्रभु हमारी विनती पूरी कर.

                                      हे परमेश्वर के मेमने, तू संसार के पाप हर लेता है.

                                                     हे प्रभु हम पर दया कर.






Saturday, November 16, 2024

ईसा मसीह ने किए थे,अपने जीवन में ये 5 बड़े चमत्कार.Jesus Christ did these 5 big miracles in his life

ईसा मसीह ने किए थे,अपने जीवन में ये 5 बड़े चमत्कार  

यीशु को जोशुआ कहने लगे, फिर जीसस और फिर जीसस क्राइस्ट और ईसा मसीह कहा जाने लगा। 25 दिसंबर के दिन उनका जन्मदिन मनाया जाता है जिसे क्रिसमस कहते हैं। उनका जन्म फिलिस्तीन क्षेत्र के बेथलहम में हुआ था। वे नाजरथ के एक बढ़ई के पुत्र थे। उनकी माता का नाम मैरी था। प्रभु ईसा मसीह ने अनेक चमत्कार किए. आईऐ हम जानेंगे की  प्रभु मसीह  ने ऐसी कौन-कौन से चमत्कार किए हैं!

पहला चमत्कार:-           

 क़ाना
 
के विवाह में चमत्कार -: तीसरे दिन गैलीलियो के काना में एक विवाह था.ईसा की माता वही थी.ऐसा हो किसी से भी विवाह में आमंत्रित थे.

अंगूरी समाप्त हो जाने पर ईसा की माता ने उनसे कहा,उन लोगों के पास अंगूरी नहीं रह गई हैईसा ने उत्तर दियाभद्रे! इससे मुझ को और आपको क्या? अभी तक मेरा समय नहीं आया हैउनकी माता ने सेवकों से कहा, “ वे तुम लोगों से जो कुछ कहे वही करना”.

वहां यहूदियों के शुद्धिकरण के लिए पत्थर के चार मटके रखे थेउन में दो-दो तीन-तीन मन समता थाप्रभु यीशु ने सेवकों  से कहा, मटका में पानी भर दोसेवकों ने उन्हें लबालब भर दियाफिर प्रभु यीशु  ने उनसे कहाअब निकल कर भोज के प्रबंधक़ के पास ले जाओउन्होंने ऐसा ही कियाप्रबंधक ने वह अपनी चखाजो अंगूरी बन गया था.संत योहन:-2-1,9) इस प्रकार से प्रभु यीशु ने अपना पहला चमत्कार किया.

दूसरा चमत्कार:-रोटियां का चमत्कार—.  

इसके बाद Prabhu yeshu Masih गैलीलिया अर्थात तिबेरियस के समुद्र के उसे पर गए.एक विशाल जन समूह उनके पीछे हो लिया  क्योंकि लोगों ने वह चमत्का देखे थे जो प्रभु यीशु  मसीह बीमारियों के लिए करते थेयीशु मसीह पहाड़ी पर चढ़े और वहां अपने शिष्यों के साथ बैठ गएयहूदियों का पास्क़ापर्व निकट था.प्रभु यीशु ने अपनी आंखें ऊपर उठाई और देखा कि एक विशाल जन समूह उनकी और आ रहा है.उन्होंने फिलिप से यह कहा,” हम इन्हें खिलाने के लिए कहां से रोटियां खरीदेंगे? उन्होंने फिलिप की परीक्षा लेने के लिए यह कहा.वे तो जानते ही थे कि वह क्या करेंगे.फिलिप ने उन्हें उत्तर दिया200 दिनार की रोटियां भी इतनी नहीं होगी कि हर एक को थोड़ी-थोड़ी मिल सकेउनके शिष्य में एक, सिमोन पेत्रुस के भाई एंड्रियास ने कहायहां एक लड़के के पास जो की पांच रोटियां और दो मछलियां है,पर यह इतने लोगों के लिए क्या है? प्रभु यीशु ने कहालोगों को बैठा  दोप्रभु यीशु ने रोटियां ले लीधन्यवाद की प्रार्थना पड़ी और बैठे हुए लोगों में उन्हें उसकी इच्छा भर बटवायाउन्होंने मछलियां भी इसी तरह बटवायीजब लोग खाकर तृप्त हो गए तो प्रभु यीशु मसीह  ने अपने शिष्यों से कहा, बचे हुए टुकड़े बटोर लोजिससे कुछ भी बर्बाद न हो.इसलिए शिष्यों ने उन्हें बटोर लिया और उन टुकड़ों से 12 टोकरी भर जो लोगों के खाने के बाद जो की पांच रोटियां से बच गए थे.
लोग यीशु मसीह का यह चमत्कार देखकर बोल उठे,निश्चय ही यह वे नबी है जो संसार में आने वाले हैं.(संत योहन:-6-14)

तीसरा चमत्कार:- यीशु ने लाज़रुस को ज़िंदा किया.     

बैतनियाह नाम के गाँव में यीशु के तीन करीबी दोस्त रहते थे। वे थे लाज़र और उसकी दो बहनें, मरियम और मारथा। एक दिन जब यीशु यरदन के उस पार था तो मरियम और मारथा ने उसे एक ज़रूरी खबर भेजी:  लाज़रुस बहुत बीमार है। तू जल्दी आ जा!’ मगर यीशु फौरन नहीं गया। वह दो दिन वहीं रुका रहा और फिर उसने अपने चेलों से कहा, ‘चलो, हम बैतनियाह चलें।  लाज़रुस सो रहा है और मैं उसे जगाने जा रहा हूँ।’ प्रेषितों ने कहा, ‘अगर लाज़र सो रहा है तो वह ठीक हो जाएगा।’ तब यीशु ने उन्हें साफ-साफ बताया, “लाज़रुस  मर चुका है।”
जब यीशु बैतनियाह पहुँचा तब तक लाज़रुस  को दफनाए चार दिन हो चुके थे। बहुत सारे लोग मारथा और मरियम को दिलासा देने आए थे। जब मारथा ने सुना कि प्रभु यीशु मसीह आया है तो वह फौरन उससे मिलने गयी। उसने प्रभु यीशु मसीह से कहा, “प्रभु, अगर तू यहाँ होता तो मेरा भाई न मरता।” यीशु ने उससे कहा, ‘तेरा भाई ज़िंदा हो जाएगा। मारथा, क्या तू इस बात पर यकीन करती है?’ मारथा ने कहा, ‘मुझे यकीन है कि जब मरे हुओं को ज़िंदा किया जाएगा. तब वह ज़िंदा हो जाएगा।’ प्रभु यीशु मसीह ने उससे कहा, “मरे हुओं को ज़िंदा करनेवाला और उन्हें जीवन देनेवाला मैं ही हूँ।”
फिर मारथा ने जाकर मरियम को बताया, ‘यीशु आया है।’ मरियम भागकर यीशु के पास गयी और उसके पीछे-पीछे लोगों की भीड़ भी गयी। मरियम यीशु के पैरों पर गिर पड़ी और रोती रही। उसने कहा, ‘प्रभु, अगर तू यहाँ होता तो आज हमारा भाई ज़िंदा होता!’ यीशु देख सकता था कि वह कितनी दुखी है और वह भी रो पड़ा। जब लोगों ने यीशु को रोते देखा तो उन्होंने कहा, ‘देखो, यीशु लाज़रुस से कितना प्यार करता था!’ मगर कुछ ने कहा, ‘उसने अपने दोस्त की जान क्यों नहीं बचायी?’ इसके बाद यीशु ने क्या किया?
प्रभु यीशु मसीह कब्र के पास गया जिसके मुँह पर एक बड़ा-सा पत्थर रखा हुआ था। उसने हुक्म दिया, “पत्थर को हटाओ।” मगर मारथा ने कहा, ‘अब तक तो उसकी लाश में से बदबू आती होगी, क्योंकि चार दिन हो चुके हैं।’ फिर भी उन्होंने पत्थर हटा दिया और प्रभु यीशु मसीह ने प्रार्थना की, ‘पिता, मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ कि तूने मेरी सुनी है। मैं जानता हूँ कि तू हमेशा मेरी सुनता है, फिर भी मैं इसलिए सबके सामने यह कह रहा हूँ ताकि ये लोग जान लें कि तूने मुझे भेजा है।’ फिर उसने ज़ोर से पुकारा, “लाज़रुस, बाहर आ जा!” फिर हैरान कर देनेवाली एक घटना घटी: लाज़रुस कब्र में से बाहर आ गया। वह अब भी मलमल के कपड़ों में लिपटा हुआ था। यीशु ने कहा, “इसे खोल दो और जाने दो।”
बहुत-से लोगों ने यह देखकर प्रभु यीशु मसीह है पर विश्‍वास कियाइस प्रकार से प्रभु यीशु मसीह है ने मरे हुए लाजरूस को मृतकों में से जिंदा किया.(संत योहन :-11-32.44)

चौथा चमत्कार:- प्रभु यीशु मसीह का मृतकों में से जी उठना--   

यदि अन्य लोगों को मृतकों में से जीवित करना ही पर्याप्त नहीं था, तो प्रभु यीशु मसीह ने अपने चमत्कारों को और भी आगे बढ़ाया। वह स्वयं मृतकों में से जीवित हो गया। उसे क्रूस पर चढ़ाया गया और हमारे पापों के लिए मर गया, केवल तीन दिन बाद फिर से जीवित होने के लिए, यह उसका सबसे बड़ा चमत्कार था।

पांचवा चमत्कार:- 

प्रभु यीशु मसीह दुष्टात्माओं को बाहर निकालता है .   

[1] एक भूतग्रस्त लड़के की मदद करना:   शिष्यों ने एक भूतग्रस्त लड़के की मदद करने की कोशिश की, लेकिन वे ऐसा करने में असमर्थ रहे। प्रभु यीशु मसीह ने आत्मा को उसे छोड़ने का आदेश दिया और आत्मा चली गई।(मरकुस:- 9:14-29)

[2]अशुद्ध आत्मा को डांटना:  एक व्यक्ति जो दुष्टात्मा से ग्रस्त था, चिल्ला रहा था। प्रभु यीशु मसीह  ने उस दुष्टात्मा को बाहर निकालकर आस-पास के लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया।(मरकुस:-1:23-28 )

[3] दुष्टात्माओं को सूअरों में डालना: इस घटना में, प्रभु यीशु मसीह ने दो व्यक्तियों में से दुष्टात्माओं को सूअरों में डाल दिया (मत्ती 8:28-34)।

सुसमाचारों में, प्रभु यीशु मसीह ने कई चमत्कार और चिह्न दिखाए, जिनमें से प्रत्येक चमत्कारी था और मानवता के प्रति उनके प्रेम और करुणा का प्रमाण था। उन्होंने इन चमत्कारों का उपयोग न केवल लोगों की मदद करने के लिए किया, बल्कि यह भी किया कि जो लोग प्रभु यीशु मसीह के चमत्कारों को देखते और सुनते हैं, उन्हें विश्वास हो कि वे कौन हैं, परमेश्वर के पुत्र और मसीहा।

 

Jesus Christ did these 5 big miracles in his life


Jesus was called Joshua, then Jesus and then Jesus Christ and Isa Masih. His birthday is celebrated on 25th December which is called Christmas. He was born in Bethlehem of Palestine region. He was the son of a carpenter of Nazareth. His mother's name was Mary. Lord Jesus Christ did many miracles. Let us know what miracles Lord Christ has done!

 First miracle: Marriage at Cana:

 On the third day, there was a marriage in Cana of Galileo. Jesus' mother was there. Everyone was invited to the marriage.

When the wine was finished, Jesus' mother said to them, they have no wine left. Jesus replied, Sir! What does this matter to me and you? My time has not come yet. His mother said to the servants, "Do whatever he tells you".

There were four stone pots kept there for the purification of the Jews. Each of them contained two to three man of water. Lord Jesus said to the servants, fill the pots with water. The servants filled them to the brim. Then Lord Jesus said to them, now go out and take it to the manager of the banquet. They did the same. The steward tasted it, which had turned into wine. (St. John: 2-1,9) In this way Lord Jesus performed his first miracle.

 Second Miracle:- The Miracle of the Loaves—

After this, Jesus went to the sea of ​​Galilee, i.e. Tiberias. A large crowd followed him, because people had seen the miracles that Jesus did for the sick. Jesus went up on a hill and sat there with his disciples. The Jewish Passover was near. Jesus lifted up his eyes and saw a large crowd coming toward him. He said to Philip, “Where will we buy loaves to feed these people?” He said this to test Philip. He knew what he would do. Philip  answered, “200 denarii worth of loaves is not enough for everyone to get a little.” One of his disciples, Andreas, brother of Simon Peter, said, “A boy here has five loaves and two fish, but what is that for so many people?” Lord Jesus said, make the people sit down. Lord Jesus took the loaves, recited the prayer of thanks and distributed them among the people sitting as per their wish. He distributed the fish in the same way. When the people were satisfied after eating, Lord Jesus Christ said to his disciples, collect the leftover pieces, so that nothing is wasted. So the disciples collected them and filled 12 baskets with the pieces which were left after the people had eaten, which was from the five loaves.
After seeing this miracle of Jesus Christ, the people said, surely this is the prophet who is going to come in the world. (Saint John:-6-14)

Third Miracle: Jesus Raise Lazarus
Three of Jesus’ closest friends lived in Bethany, a village called Lazarus and his two sisters, Mary and Martha. One day, while Jesus was on the other side of the Jordan, Mary and Martha sent him urgent news: “Lazarus is very sick. Come quickly!” But Jesus didn’t go right away. He stayed there for two days and then said to his disciples, “Let’s go to Bethany. Lazarus is asleep and I am going to wake him up.” The apostles said, “If Lazarus is asleep, he will get well.” Then Jesus told them plainly, “Lazarus is dead.”
By the time Jesus arrived in Bethany, four days had passed since Lazarus had been buried. Many people came to comfort Martha and Mary. When Martha heard that Jesus had come, she immediately went to meet him. She said to him, “Lord, if you had been here, my brother would not have died.” Jesus said to her, “Your brother will come to life. Do you believe that, Martha?” Martha said, “I am sure that when the dead are raised, he will come to life.” Jesus said to her, “I am the one who raises the dead and gives them life.”
Then Martha went and told Mary, “Jesus has come.” Mary ran to Jesus, followed by a crowd of people. Mary fell at Jesus’ feet and wept. She said, ‘Lord, if you had been here today, our brother would be alive!’ Jesus could see how sad she was and he wept. When people saw Jesus weeping, they said, ‘See how much Jesus loved Lazarus!’ But some said, ‘Why didn’t he save his friend’s life?’ What did Jesus do next?
Jesus went to the tomb, which had a large stone placed over it. He ordered, “Remove the stone.” But Martha said, ‘His body must be stinking by now, for it has been four days.’ They removed the stone and prayed, ‘Father, I thank you that you have heard me. I know that you always hear me, but I say this publicly so that these people will know that you have sent me.’ Then he called out loudly, “Lazarus, come out!” Then something astonishing happened: Lazarus came out of the tomb. He was still wrapped in linen cloth. Jesus said, “Untie him and let him go.”
Many people saw this and believed in Jesus Christ. This is how Jesus Christ raised Lazarus from the dead. (St. John 1:11-32.44)


Fourth Miracle: Jesus Resurrected from the Dead --
 If raising other people from the dead wasn't enough, the Lord Jesus Christ took His miracles even further. He Himself rose from the dead. He was crucified and died for our sins, only to rise again three days later, this was His greatest miracle.


Fifth Miracle: Jesus Casts Out Demons

[1] Helping a Poisoned Boy: Mark: The disciples tried to help a demon-possessed boy, but they were unable to do so. The Lord Jesus Christ commanded the spirit to leave him and the spirit departed. (Mark: 9:14-29)

[2] Rebuking an Unclean Spirit: A man who was possessed by a demon was screaming. The Lord Jesus Christ amazed the people around by casting out the demon. (Mark: 1:23-28)

[3] Casting Demons into Pigs: In this incident, the Lord Jesus Christ cast the demons out of two men into pigs (Matthew 8:28-34).

In the Gospels, the Lord Jesus Christ performed many miracles and signs, each of which was miraculous and a proof of His love and compassion for humanity. He used these miracles not only to help people, but also so that those who see and hear the miracles of the Lord Jesus Christ would believe in who He is, the Son of God and the Messiah.


 

Friday, November 15, 2024

प्रभु मसीह के वो 7 संदेश जो लाइफ में हमेशा आएंगे काम, याद करके रख लें.. Remember those 7 messages of jesus Christ which will always be useful in your life.

प्रभु मसीह के वो 7 संदेश जो लाइफ में हमेशा आएंगे काम, याद करके रख लें.

पहला संदेश. 

सिर्फ रोटी के लिए मत जियो. प्रभु मसीह ने लोगों को बताया कि मनुष्‍य को सिर्फ रोटी के लिए नहीं जीना चाहिए, बल्कि परमेश्वर से निकले हर शब्‍द को मानते अपना जीवन बिताना चाहिए।

 दूसरा संदेश. 

अपने शत्रुओं से भी प्रेम करो. प्रभु मसीह ने बताया हमें उनसे भी प्रेम करना चाहिए और उनके लिए भी प्रार्थना करनी चाहिए जो हमें सताते हैं। यकीन मानो ऐसा करने पर तुम उस पिता की संतान बन जाओगे जो स्‍वर्ग में हैं। फिर तुम्‍हारा कभी कुछ बुरा नहीं होगा।

 तीसरा संदेश. 

अपनी संपत्ति गरीबों में भी बांटो. यीशु  मसीह ने यह संदेश दिया कि हमें अपनी कमाई का कुछ हिस्‍सा गरीबों में दान भी करना चाहिए। अगर हम ऐसा करते हैं तो हमें स्‍वर्ग का खजाना मिलेगा।

चौथा संदेश.

 एक दूसरे से प्रेम करो. यीशु  मसीह ने प्रेम और भाई चारे को बढ़ाने के लिए ऐसा संदेश दिया कि एक-दूसरे से प्रेम करो। उन्‍होंने कहा था, मैं तुम्‍हें एक आदेश देता हूं कि एक-दूसरे से प्रेम करो, जैसा मैंने तुमसे किया है वैसा प्रेम हमें सबसे करना चाहिए।

पांचवा संदेश.

 ऐसे प्‍यार का कोई अर्थ नहीं. यीशु  मसीह ने ऐसे प्‍यार को निरर्थक बताया है। उन्‍होंने क‍हा यदि आप सिर्फ उन्हें ही प्यार करते है जो आपसे प्यार करते हैं तो आपने ऐसा क्या किया? ऐसा तो एक कर देने वाला भी करता है फिर आपमें उनमें फर्क क्या है।


छठवा संदेश.

 सेवा ही सबसे बड़ा धर्म. कहा मनुष्‍य के लिए एक-दूसरे की सेवा करना ही सबसे बड़ा धर्म है। जो दूसरों की मदद करते हैं ईश्वर उनकी मदद करते हैं। मन से स्वार्थ और लालच की भावना निकालकर प्रेम करें।


   💓💓 सातवां संदेश. 

ऐसे करो परमेश्वर को प्राप्‍त. परमेश्वर महान हैं। अगर आप उनसे मांगते हैं तो जरूर मिलेगा अगर खोजते हैं तो जरूर प्राप्त भी होगा, इसलिए मैं कहता हूं कि परमेश्वर के दरवाजे खटखटाओ परमेश्वर तुम्हारी जरूर सुनेगा और तुम्हारे लिए दरवाजे खोल दिए जाएंगे।


Remember those 7 messages of jesus Christ which will always be useful in your life.


First message.

Don't live only for bread. Jesus Christ told people that man should not live only for bread, but should live his life by obeying every word that comes from God.

Second message.

Love your enemies too. Jesus Christ told us that we should love them too and pray for those who persecute us. Believe me, by doing this you will become the child of that father who is in heaven. Then nothing bad will ever happen to you.

Third message.

Distribute your wealth among the poor too. Jesus Christ gave the message that we should also donate some part of our earnings to the poor. If we do this, we will get the treasure of heaven.

Fourth message.

Love one another. To increase love and brotherhood, Jesus Christ gave such a message that love one another.  He said, I give you an order that you should love each other, we should love everyone as I have loved you.

Fifth message.

This kind of love has no meaning. Jesus Christ has called this kind of love meaningless. He said that if you love only those who love you, then what have you done? Even the taxpayer does this, then what is the difference between you and them.

Sixth message.

Service is the greatest religion. He said that serving each other is the greatest religion for humans. God helps those who help others. Love by removing selfishness and greed from your mind.

Seventh message.

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Thursday, November 14, 2024

बाइबल के चार अनमोल वचन Four precious verses of the Bible.

बाइबल के चार अनमोल वचन ,जो आपके जीवन को दे सकती हैं नई दिशा.

 पहला अनमोल वचन.

अगर परमेश्वर हमारे साथ है, तो कौन हमारे खिलाफ हो सकता है - बाइबिल वचन के मुताबिक जो प्रभू पर भरोसा रखते हैं वह कभी भी कमजोर नहीं होता.

दूसरा अनमोल वचन.

बाइबल वचन कहती है कि अगर प्राण और शरीर की रक्षा प्रभु करते हैं, तो बाकी भी उनकी मर्जी पर छोड़ दो. वह हर दुख और मुश्किल समय में कभी आपको अकेला नहीं त्यागेग़ा.

तीसरा अनमोल वचन.

अगर उपवास करो, तो चेहरे पर उदासी कभी न आने दो. दूसरों को अपने उपवास का पता न चलने दो. - कहने का मतलब है कि धर्म कर्म के कार्य का कभी गुणगान नहीं करना चाहिए. इससे उसका प्रभाव कम हो जाता है.

चौथा अनमोल वचन.

तुम दूसरों के तीसरा अनमोल वचन. अगर उपवास करो, तो चेहरे पर उदासी कभी न आने दो. दूसरों को अपने उपवास का पता न चलने दो. - कहने का मतलब है कि धर्म कर्म के कार्य का कभी गुणगान नहीं करना चाहिए. इससे उसका प्रभाव कम हो जाता है. माफ करोगे तो प्रभू तुम्हारी गलती भी नहीं गिनेगा. - दूसरों से माफी मांगना और दूसरों की गलती पर उन्हें माफ करने वाला व्यक्ति कभी तनाव में नहीं रहता.  एक माफी रिश्तों में आई दरार को भर देती है.



Four precious verses of the Bible, which can give a new direction to your life.


First precious verse.


If God is with us, then who can be against us - According to the Bible verse, those who trust in the Lord are never weak.


Second precious verse.


The Bible verse says that if the Lord protects your life and body, then leave the rest to His will. He will never leave you alone in every sorrow and difficult time.


Third precious verse.


If you fast, then never let sadness come on your face. Do not let others know about your fasting. - It means that one should never praise the work of religious deeds. This reduces its effect.


Fourth precious verse.


You should not praise others. Third precious verse. If you fast, then never let sadness come on your face. Do not let others know about your fasting. - It means that one should never praise the work of religious deeds. This reduces its effect. If you forgive, then the Lord will not even count your mistakes.  - A person who apologizes to others and forgives them for their mistakes is never under stress.   An apology heals the cracks in relationships.

I Am the Bread of Life "जीवन की रोटी मैं"

"जीवन की रोटी मैं" [  I Am the Bread of Life"]  बाइबल में "जीवन की रोटी" का उल्लेख विशेष रूप से यीशु मसीह के द्वारा...