"यह मेरा शरीर और रक्त है" इसका अर्थ !
"यह मेरा शरीर और रक्त है" इसका अर्थ यह वाक्य बाइबल के नए नियम में स्थित है, विशेष रूप से लूका 22:19-20 और मत्ती 26:26-28 में, जहाँ यीशु ने अपने अनुयायियों के साथ अंतिम भोज के दौरान यह शब्द कहे थे। इस वाक्य का अर्थ है कि यीशु अपना शरीर और रक्त अपने अनुयायियों को प्रतीक रूप में दे रहे थे, जो उनकी बलि और उनका बलिदान होने का प्रतीक है।
लूका 22:19-20:- उन्होंने रोटी ली और धन्यवाद की प्रार्थना पढ़ने के बाद उसे तोड़ा और यह कहते हुए शिष्य को दिया, यह मेरा शरीर है, जो तुम्हारे लिए दिया जा रहा है. यह मेरी स्मृति में किया करो. इसी तरह उन्होंने भोजन के बाद यह कहते हुए प्याला दिया, यह प्याला मेरा रक्त का नूतन विधान है. यह तुम्हारे लिए बहाया जा रहा है.
मत्ती 26:26-28 :-उनके भोजन करते समय ईसा ने रोटी ले ली और धन्यवाद की प्रार्थना पढ़ने के बाद उसे तोड़ा और यह कहते हुए शिष्यों को दिया,ले लो और खाओ यह मेरा शरीर है. तब उन्होंने प्याला लेकर धन्यवाद की प्रार्थना पड़ी और यह कहते हुए उसे शिष्यों को दिया, तुम सब इसमें से पियो; क्योंकि यह मेरा रक्त है, विधान का रक्त , जो बहुतों की पाप क्षमा के लिए बहाया जा रहा है. मैं तुम लोगों से कहता हूं, जब तक मैं अपने पिता के राज्य में तुम्हारे साथ नवीन रस न पी लूं, तब तक में दाख का यह रस फिर नहीं पियूंगा.
वचन का अर्थ
[1] रोटी और शरीर का प्रतीक:- रोटी यीशु के शरीर का प्रतीक है, जो क्रूस पर बलिदान के रूप में टूटेगा। यह उनके बलिदान के महत्व को दिखाता है।
[2] दाखमधु और रक्त का प्रतीक:- दाखमधु उनके रक्त का प्रतीक है, जो उनके अनुयायियों के पापों की क्षमा के लिए बहाया जाएगा। यह परमेश्वर और मानवता के बीच एक नई वाचा (New Covenant) की स्थापना को दर्शाता है।
[3] स्मरण और सहभागिता:- इस वचन का उद्देश्य विश्वासियों को यीशु के बलिदान को याद करना और उनके उद्धार के कार्य में सहभागिता करना है। यह क्रिश्चियन परंपरा में प्रभु भोज (Holy Communion) का आधार है।
[4] आध्यात्मिक अर्थ:- यह वचन मसीह के प्रेम, बलिदान और उद्धार के प्रति समर्पण का आह्वान करता है। यह विश्वासियों को आत्मिक रूप से यीशु के साथ जुड़ने और उनके संदेश के अनुसार जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है।
संक्षेप में :-
कुल मिलाकर, यह वाक्य एक आंतरिक और आध्यात्मिक अर्थ को व्यक्त करता है"यह मेरा शरीर और रक्त है" वचन यीशु मसीह के आत्मत्याग, प्रेम, और उद्धार के संदेश का प्रतीक है। यह विश्वासियों को उनके बलिदान को याद रखने और जीवन में आत्मिक शुद्धता और सेवा के लिए प्रेरित करता है।
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