Tuesday, January 21, 2025

I Am the Bread of Life "जीवन की रोटी मैं"

"जीवन की रोटी मैं" [ I Am the Bread of Life"] 

बाइबल में "जीवन की रोटी" का उल्लेख विशेष रूप से यीशु मसीह के द्वारा कहा गया एक वचन है, जो संत योहन रचित सुसमाचार (Bible - Gospel of John) में मिलता है। यह वचन संत योहन:- 6:35 में लिखा है:

"जीवन की रोटी में हूं".["I Am the Bread of Life"] जो मेरे पास आता है , उसे कभी भूख नहीं लगेगी और जो मुझ में विश्वास करता है, उसे कभी प्यास नहीं लगेगी".

आईए इस लेख में देखें और जाने  की, प्रभु यीशु ने  जीवन की रोटी मैं हूं ऐसा क्यों कहा?

"जीवन की रोटी में हूं".["I Am the Bread of Life"] संत योहन:- 6:34.58

लोगों ने ईसा से कहा, " प्रभु! आप हमें सदा वही रोटी दिया करें". उन्होंने उत्तर दिया , जीवन की रोटी में हूं, जो मेरा पास आता है, उसे कभी भूख नहीं लगेगी और जो मुझ में विश्वास करता है, उसे कभी प्यास नहीं लगेगी. फिर भी, जैसा कि मैं तुम लोगों से कहा, तुम मुझे देखकर भी विश्वास नहीं करते.  पिता  जिन्हें मुझ को सौंप देता है.वह सब मेरे पास आएंगे और जो मेरे पास आता है, मैं उसे भी नहीं ठुकराऊंगा; क्योंकि मैं अपनी इच्छा नहीं, बल्कि जिसने मुझे भेजा , उसकी इच्छा पूरी करने के लिए स्वर्ग से उतरा हूं. जिसने मुझे भेजा , उसकी इच्छा यह है कि जिन्हें उसने मुझे सोंपा है, मैं उन में से एक कभी सर्वनाश न होने दूं, बल्कि उन सबों को अंतिम दिन पुनर्जीवित कर दूं. 

मेरे पिता की इच्छा यह है कि जो पुत्र को पहचान कर उसमें विश्वास करता है, उसे अनंत जीवन प्राप्त हो.मैं उसे अंतिम दिन पुनर्जीवित कर दूंगा. इसने कहा था," स्वर्ग से उतरी हुई रोटी में हूं". इस पर यह होती यह कहते हुए भुंभुनाते थे, क्या यह यूसुफ का बेटा ऐसा नहीं है? हम इसके मां-बाप को जानते हैं. तो यह कैसे कर सकता है मैं स्वर्ग से उतरा हूं"?  

 प्रभु यीशु  


ने उन्हें उत्तर दिया, आपस में मत भूनभुनाओ . कोई मेरे पास तब तक नहीं आ सकता , जब तक की पिता, जिसने मुझे भेजा उसे आकर्षित नहीं करता. मैं उसे अंतिम दिन पुनर्जीवित कर दूंगा. नबियों ने लिखा है, वह सब के सब ईश्वर से शिक्षा पाएंगे. जो ईश्वर की शिक्षा सुनता और ग्रहण करता है, वह मेरे पास आता है.

यह न समझो कि किसी ने पिता को देखा है; जो ईश्वर की ओर से आया है, उसी ने पिता को देखा है. मैं तुम लोगों से यह कहता हूं- जो विश्वास करता है, उसे अनंत जीवन प्राप्त है. जीवन की रोटी मैं हूं. तुम्हारे पूर्वजों ने मा भूमि में मन्ना  खाया , फिर भी वह मर गए. मैं जीस रोटी के विषय में कहता हूं, वह स्वर्ग से उतरती है और जो उसे खाता है, वह नहीं मारता. स्वर्ग से उतरी हुई वह जीवंत रोटी में हूं. यदि कोई वह रोटी खाएगा, तो वह सदा जीवित रहेगा. जो रोटी में दूंगा, वह संसार के जीवन के लिए अर्पित मेरा मांस है.

यहूदी आपस में यह कहते हुए वाद - विवाद कर रहे थे, यह हमें खाने के लिए अपना मांस कैसे दे सकता है? इसलिए ईसा ने उनसे कहा, मैं तुम लोगों से यह कहता हूं, यदि तुम मानव पुत्र का मांस नहीं खाओगे और उसका रक्त नहीं पियोगे, तो तुम्हें जीवन प्राप्त नहीं होगा. जो मेरा मांस खाता और मेरा रक्त पीता है, उसे अनंत जीवन प्राप्त है और मैं उसे अंतिम दिन पुनर्जीवित कर दूंगा; क्योंकि मेरा मन सच्चा भोजन है और मेरा रक्त सच्चा पेय . 

जो मेरा मांस खाता और मेरा रक्त पीता है, वह मुझ में निवास करता है और मैं उस में. जिस तरह जीवंत पिता ने मुझे भेजा है और मुझे पिता से जीवन मिलता है, इस तरह जो मुझे खाता है, उसको मुझे जीवन मिलेगा. यही वह रोटी है, जो स्वर्ग से उतरी है, जो स्वर्ग से उतरी है. यह उसे रोटी के  सदृश नहीं है, जिससे तुम्हारे पूर्वजों ने खायी थी. वह तो मर गए, किंतु जो या रोटी खाएगा, वह अनंत काल तक जीवित रहेगा.

निष्कर्ष:
प्रभु यीशु ने
"जीवन की रोटी" कहकर यह दिखाया कि वह आत्मा की भूख को मिटाने वाले और अनन्त जीवन देने वाले हैं। यह वचन हमें केवल सांसारिक चीज़ों पर निर्भर रहने के बजाय, आत्मिक तृप्ति और जीवन के लिए यीशु पर विश्वास करने का आह्वान करता है।



Tuesday, January 14, 2025

"यह मेरा शरीर और रक्त है" इसका अर्थ !


"यह मेरा शरीर और रक्त है" इसका अर्थ !


"यह मेरा शरीर और रक्त है" इसका अर्थ यह वाक्य बाइबल के नए नियम में स्थित है, विशेष रूप से लूका 22:19-20 और मत्ती 26:26-28 में, जहाँ यीशु ने अपने अनुयायियों के साथ अंतिम भोज के दौरान यह शब्द कहे थे। इस वाक्य का अर्थ है कि यीशु अपना शरीर और रक्त अपने अनुयायियों को प्रतीक रूप में दे रहे थे, जो उनकी बलि और उनका बलिदान होने का प्रतीक है।


लूका 22:19-20:- उन्होंने रोटी ली और धन्यवाद की प्रार्थना पढ़ने के बाद उसे तोड़ा और यह कहते हुए शिष्य को दिया, यह मेरा शरीर है, जो तुम्हारे लिए दिया जा रहा है. यह मेरी स्मृति में किया करो. इसी तरह उन्होंने भोजन के बाद यह कहते हुए प्याला दिया, यह प्याला मेरा रक्त का नूतन विधान है. यह तुम्हारे लिए बहाया जा रहा है.

मत्ती 26:26-28 :-उनके भोजन करते समय ईसा ने रोटी ले ली और धन्यवाद की प्रार्थना पढ़ने के बाद उसे तोड़ा और यह कहते हुए शिष्यों को दिया,ले लो और खाओ यह मेरा शरीर है. तब उन्होंने प्याला लेकर धन्यवाद की प्रार्थना पड़ी और यह कहते हुए उसे शिष्यों को दिया, तुम सब इसमें से पियो; क्योंकि यह मेरा रक्त है, विधान का रक्त , जो बहुतों  की पाप क्षमा के लिए बहाया जा रहा है. मैं तुम लोगों से कहता हूं,  जब तक मैं अपने पिता के राज्य में तुम्हारे साथ नवीन रस न पी लूं,  तब तक में दाख का यह रस फिर नहीं पियूंगा.


वचन का अर्थ

[1] रोटी और शरीर का प्रतीक:- रोटी यीशु के शरीर का प्रतीक है, जो क्रूस पर बलिदान के रूप में टूटेगा। यह उनके बलिदान के महत्व को दिखाता है।


[2] दाखमधु और रक्त का प्रतीक:- दाखमधु उनके रक्त का प्रतीक है, जो उनके अनुयायियों के पापों की क्षमा के लिए बहाया जाएगा। यह परमेश्वर और मानवता के बीच एक नई वाचा (New Covenant) की स्थापना को दर्शाता है।


[3] स्मरण और सहभागिता:- इस वचन का उद्देश्य विश्वासियों को यीशु के बलिदान को याद करना और उनके उद्धार के कार्य में सहभागिता करना है। यह क्रिश्चियन परंपरा में प्रभु भोज (Holy Communion) का आधार है।


[4] आध्यात्मिक अर्थ:- यह वचन मसीह के प्रेम, बलिदान और उद्धार के प्रति समर्पण का आह्वान करता है। यह विश्वासियों को आत्मिक रूप से यीशु के साथ जुड़ने और उनके संदेश के अनुसार जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है।

संक्षेप में :-

कुल मिलाकर, यह वाक्य एक आंतरिक और आध्यात्मिक अर्थ को व्यक्त करता है"यह मेरा शरीर और रक्त है" वचन यीशु मसीह के आत्मत्याग, प्रेम, और उद्धार के संदेश का प्रतीक है। यह विश्वासियों को उनके बलिदान को याद रखने और जीवन में आत्मिक शुद्धता और सेवा के लिए प्रेरित करता है।


Monday, January 6, 2025

मांगो और तुम्हें दिया जाएगा, ढूंढो और तुम्हें मिल जाएगा, खटखटाओ और तुम्हारे लिए खोला जाएगा.[मत्ती 7:7-8]

मांगो और तुम्हें दिया जाएगा, ढूंढो और तुम्हें मिल जाएगा, खटखटाओ और तुम्हारे लिए खोला जाएगा.[मत्ती 7:7-8] 

मांगो और तुम्हें दिया जाएगा, ढूंढो और तुम्हें मिल जाएगा, खटखटाओ और तुम्हारे लिए खोला जाएगा.[मत्ती 7:7-8] क्योंकि जो मांगता है, उस दिया जाता है, जो ढूंढता है, उसे मिल जाता है और जो खटखटाता है, उसके लिए खोला जाता है.

यदि तुम्हारा पुत्र तुमसे रोटी मांगे तो तुम में ऐसा कौन है जो उसे पत्थर देगा अर्थात मछली मांगे तो उसे सांप देगा? बुरे होने पर भी यदि तुम लोग अपने बच्चों को सहज ही अच्छी चीज देते हो, तो तुम्हारा स्वर के पिता मांगने वाले को अच्छी चीज क्यों नहीं देगा ?

मांगो और तुम्हें दिया जाएगा, ढूंढो और तुम्हें मिल जाएगा, खटखटाओ और तुम्हारे लिए खोला जाएगा.

इस वचन का अर्थ:-यह वचन बाइबल से लिया गया है और इसका अर्थ गहराई और प्रेरणा से भरा हुआ है। इसका सरल अर्थ यह है कि यदि आप किसी चीज़ की सच्चे मन से इच्छा करते हैं और प्रयास करते हैं, तो वह आपको अवश्य प्राप्त होगी।

* मांगो, तो तुम्हें दिया जाएगा:- यदि आप कुछ चाहते हैं और पिता परमेश्वर से प्रार्थना करते हैं, तो वह आपको अवश्य मिलेगा। यह प्रार्थना और विश्वास की शक्ति को दर्शाता है।

* ढूंढ़ो, तो तुम पाओगे:-यदि आप किसी चीज़ की खोज करेंगे, उसे पाने के लिए मेहनत करेंगे, तो उसे पा लेंगे। यह प्रयास और दृढ़ निश्चय का प्रतीक है।इसमें परमेश्वर जरूर आपकी सहायता करेंगे 

* खटखटाओ, तो तुम्हारे लिए खोला जाएगा:- यदि आप दरवाजा खटखटाएंगे (अर्थात अवसर की तलाश करेंगे), तो वह अवसर आपके लिए खुल जाएगा।पिता परमेश्वर, हर किसी को अवसर प्रदान करते हैं. कठिन समय पर भी उनके साथ रहते हैं.

निष्कर्ष:-

इसका मुख्य संदेश यह है कि सच्चे प्रयास, प्रार्थना, और विश्वास के साथ किए गए कामों का परिणाम मिलता है। यह मनुष्य को प्रेरित करता है कि वह परमेश्वर पर विश्वास रखे और अपने जीवन में सच्चाई, प्रयास, और धैर्य का पालन करे।


I Am the Bread of Life "जीवन की रोटी मैं"

"जीवन की रोटी मैं" [  I Am the Bread of Life"]  बाइबल में "जीवन की रोटी" का उल्लेख विशेष रूप से यीशु मसीह के द्वारा...