भटकी हुई भेड़ का दृष्टांत ! parable of the lost sheep !
भटकी हुई भेड़ का दृष्टांत, बाइबिल में यीशु मसीह द्वारा दिया गया एक महत्वपूर्ण दृष्टांत है, जो पापी के पश्चाताप और ईश्वर के प्रेम को समझाने के लिए बताया गया है। यह दृष्टांत यीशु मसीह ने यह सिखाने के लिए दिया था कि परमेश्वर पिता प्रत्येक व्यक्ति को कितना मूल्यवान और प्रिय मानते हैं, विशेष रूप से उन लोगों को जो खो गए हैं (पाप में पड़े हैं) और उन्हें वापस लाने के लिए कितना प्रयास करते हैं।इसका उल्लेख मुख्य रूप से लूका 15:3-7 और मत्ती 18:11-14 में किया गया है।
आइऐ हम इस आर्टिकल में जाने की बाइबिल में भटकी हुई भेड़ का दृष्टांत,में क्या लिखा गया है?
भटकी हुई भेड़ का दृष्टांत ![लूका 15:3-7]
प्रभु यीशु का उपदेश सुनने के लिए नातेदार और पापी उनके पास आया करते थे! फरीसी और शास्त्रीय यह कहते हुए भुंभुनाते थे, यह मनुष्य पापियों का स्वागत करता है और उनके साथ खाता पीता है. इस पर यीशु मसीह ने उनको यह दृष्टांत सुनाया, यदि तुम्हारे 100 भेड़े हों और उन में एक भी भटक जाए, तो तुम लोगों में कौन ऐसा होगा जो 99 भेड़ों को निर्जन प्रदेश में छोड़कर न जाए और उसे भटकी हुई को तब तक न खोजता रहे, जब तक वह उसे नहीं पाए? पाने पर वह आनंदित होकर उसे अपने कंधों पर रख लेता है और घर आकर अपने मित्रों और पड़ोसियों को बुलाता है और उनसे कहता है, मेरे साथ आनंद मनाओ, क्योंकि मैं अपनी भटकी हुई भेड़ को पा लिया है. मैं तुमसे कहता हूं, इसी प्रकार 99 धर्मियों की अपेक्षा जीने पश्चाताप की आवश्यकता नहीं है, एक पश्चातापी पापी के लिए स्वर्ग में अधिक आनंद मनाया जाएगा.
भटकी हुई भेड़ का दृष्टांत ! [मत्ती 18:11-14]
जो खो गया था उसी को बचाने के लिए मानव पुत्र आया है. तुम्हारा क्या विचार है- यदि किसी के 100 भेड़े हो और उन में एक भी भटक जाए, तो क्या वह 99 भेड़ों को पहाड़ी पर छोड़कर उस भटकी हुई भेड़ को खोजने नहीं जाएगा ? और यदि वह उसे पाए, तो मैं विश्वास दिलाता हूं कि उसे उन 99 की अपेक्षा, जो भटकी नहीं थी, उस भेड़ के कारण अधिक आनंद होगा. इसी तरह मेरा स्वर्ग पिता नहीं चाहता कि उन नन्हों में से एक भी खो जाए.
इस दृष्टांत का अर्थ:- हर व्यक्ति मूल्यवान है
यह दृष्टांत सिखाता है कि प्रत्येक व्यक्ति परमेश्वर पिता के लिए अनमोल है।
खोई हुई भेड़ उस व्यक्ति का प्रतीक है जो पाप या अज्ञान के कारण परमेश्वर पिता से दूर हो गया है।दृष्टांत बताता है कि परमेश्वर पिता हर पापी को वापस बुलाने के लिए सक्रिय प्रयास करते हैं।
* परमेश्वर पिता की करुणा:-चरवाहा परमेश्वर पिता का प्रतीक है जो हर खोए हुए व्यक्ति को खोजते हैं।
परमेश्वर पिता अपने बच्चों को कभी नहीं छोड़ते और उन्हें वापस लाने के लिए पूरी मेहनत करते हैं।
* यह दृष्टांत प्रेम, करुणा, और क्षमा का संदेश देता है।
यह हमें सिखाता है कि हमें भटके हुए लोगों की मदद करनी चाहिए और उनकी वापसी का स्वागत करना चाहिए। साथ ही, यह परमेश्वर पिता के असीम प्रेम और दया को उजागर करता है, जो हर पापी को अपना मानते हैं।जो जीवन में भटक गए हैं और उनके पुनरुत्थान के प्रयासों में खुशी मनानी चाहिए।
Amen
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